Whose Life - जिंदगी किसकी
एक बहुत पुरानी कहानी है एक घर में एक वाद्य यंत्र रखा था उस घर में उसे कोई बजाना नहीं जानता था जान पहचान के रिश्तेदार गांव के लोगों में से हर कोई उसे बजाना भूल गया था वह वाद्य यंत्र ऐसे ही एक कोने में पड़ा था कई पीढ़ियां गुजर चुकी थी और लोग उसे बजाना भूल चुके थे अब पड़े पड़े उस पर केवल धूल जमा हो रही थी वाद्य यंत्र काफी बड़ा था और बहुत जगह कह रहा था 1 दिन परिवार की सभी लोग फैसला किया कि यह बेकार ही पड़ा हुआ है इसे रखने का कोई तुक नहीं है उसे उन्होंने उठाया और घर से बाहर फेंक दिया थोड़ी देर बाद एक भिखारी वहां आया और उसे बजाने लगा समय मानव रुक गया हो जो भी वहां से गुजर रहा था वह उसे सुनने के लिए रुक गया वहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई लोग उसे सुनने के लिए अपने घरों से बाहर निकलने लगे भिखारी बहुत डूब कर उसे बजा रहा था और सब मंत्रमुग्ध हुए उसका वादन सुन रहे थे अब जब भिखारी ने संगीत बजाना बंद कर दिया तो परिवार अपने वाद्य यंत्र को वापस मांगने लगा भिखारी ने कहा यह तुम्हारा नहीं है संगीत का कोई भी यंत्र उसका होता है जो उसे बजाने जानता है और कोई उसका मालिक हो ही नहीं सकता यह तुम्हारे घर में वर्षों से पड़ था कई सालों तक अभी भी पड़ा रह सकता है पर इससे यह तुम्हारा नहीं हो जाता । तुम इसके योग्य नहीं हो , इसके महत्व को नहीं जानते । भिखारी की इस बात को पूरी भीड़ ने समर्थन किया। सबने कहा, वह भिखारी ही इसका सही मालिक हो सकता है ।
जिस तरह एक वाद्ययंत्र उसी का हो सकता है, जो उसे बजाने जानता है। उसी तरह यह जिंदगी भी उसी की है , जो उसमें गहरे, बहुत गहरे, डूब कर जीता है।
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