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You must have read some positive thoughts that we can help you a bit ! - कुछ सकारात्मक विचार जरुर पढ़े हो सकता है की हम आप की कुछ सहायता कर सके !

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 1- दूसरों का भला करने वाले मुनष्य को ज्यादा कष्ट                और तकलीफे झेलनी पड़ती है            क्योंकि ये सच है की     फल देने वाले पेडों             को ही पत्थरों की मार झेलनी पड़ती है 2- सुख पाने के लिए  हम इच्छाओं की कतार लगाएं  या आशाओं के अम्बार,            परंतु   सुख का ताला केवल और केवल  संतुष्टि की चाबी से ही खुलता है। !!  जय श्री कृष्ण  !! 3- अपनी आत्मा को      कभी मत बेचिए. . . यही एक-मात्र चीज है जो       आप संसार में ले के आये थे, और यही चीज है जो        जाते समय लेकर जाएंगे। राधे राधे !! 4- जन्म से ना तो कोई दोस्त पैदा होता है और ना ही दुश्मन, वह तो हमारे घमंड, ताकत या व्यवहार से बनते है।  ज़िंदगी को अगर खुल कर जीना है तो थोडा सा झुक कर जियो, तब देखो फिर, ये ईश्वर आपको कितना ऊँचा उठा देंगा.. 5- दिल से लिखी बातें     दिल को छू जाती हैं   कुछ लोग मिलकर बदल जाते हैं                      और  कुछ लोगों से मिलकर जिन्दगी बदल जाती है। 6- अच्छाई और बुराई        मनुष्य के कर्मों में होती है,  कोई बांस का तीर बना कर         किसी को *घायल करता है...  तो कोई  बांसुरी बना कर     

Rest is unsafe and rest is also a reason to remain unwell -आराम हराम है और आराम अस्वस्थ रहने का कारण भी है

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  आराम हराम है और आराम अस्वस्थ रहने का कारण भी है इसका मतलब है कि दुनिया में भगवान हम लोगो को बैठने के लिए नहीं भेजे है  हमे आपने लिया और आपनो से जुड़े लोगो और प्राकृत जुडी जीव और बन्स्पतियो के लिए भेजा है  सुबह उठाते ही भगवान को धन्यवाद जरुर करे और नित्य क्रिया करने के बाद आराम नहीं करना है  किसी न किसी कार्य को करते रहना है जब तक शरीर और मस्तिक थक नजाए  तब कुछ समय आराम करे उपकार और परोपकार में जीवन व्यस्त रखे अन्यथा आराम हराम है  क्योकि ज्यादा जो लोगो को आराम परस्त जिंदगी जीने कि आदत होती है  वो लोग किसी न किसी रोग या डिप्रेश को झेल रहे होते है क्योकि उनके पास कोई काम नहीं होता है और शरीर को तो काम चाहिए इसे ज्यादा आराम दिया तो ये बहुत दिनों के बाद साथ नहीं देती है इसमें कोई न कोई रोग लग ही जाता है जाने कैसे क्यों कि आप को बैठ के खाने कि आदत होती है आप तो अपने अंदर उर्जा भर रहे है लेकिन निकाल नहीं रहे है धीरे धीरे ये उर्जा एकत्रित होने के बाद खुद बहार निकलने कि कोशिश करेगी जायज है कि आप कोई काम कर के उर्जा खर्च नहीं किया है उर्जा नियम है वो किसी न किसी प्रक्रिया में बदलती रहती है ये

Where is my mind -मेरा मन कहा है

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  HINDI`   ✌    मेरा मन कहा है बोधिधर्म चीन पहुँचा और वहाँ के राजा उनसे मिलने के लिए गए राजा ने कहा, ‘मेरा मन बड़ा अस्थिर और अशांत रहता है आप ज्ञानी है बताएं मुझे क्या करना चाहिए ? बोधिधर्म ने कहा आप कुछ मत करिए बस कल सुबह चार बजे यहां आ जाए अपने साथ अपना मन जरूर लेकर आए राजा को पूरी रात नींद नहीं आई राजा ने यहाँ तक सोच लिया कि बोधिधर्म शायद सनक गए है राजा ने   खुद को वहां जाने से रोकना भी चाहा पर, बोधिधर्म के करिश्माई व्यक्तित्व के कारण राजा खुद को रोक न सके सुबह राजा बोधिधर्म के पास पहुँच गए बोधिधर्म ने कहा; ‘अच्छा आप आ गए आपका मन कहा है? आप उसे साथ लाए या नही?’        राजा ने कहा, ‘आप कैसे अजीब बात कर रहे है? मै यहा हू तो मेरा मन भी यही होगा यह कोई चीज़ नही है, जिसे मै खो और छोड दू यह मेरे भीतर है’     बोधिधर्म ने कहा, ‘तो यह तय हो गया है कि मन आपके भीतर है अब आखे बंद करके और अपने भीतर उसे ढूढने की कोशिश करे जब मन दिख जाये तो मुझे बता दे, मै उसे शांत कर दुगा राजा ने आखे बंद की वह जितना मन को देखने की कोशिश करते, उन्हें लगता कि मन है ही नही राजा को कुछ ऐसा नही मिला कि वह उंगली र

Dishonest money comes out of tearing every part of the body - बेईमानी का पैसा शरीर के एक एक अंग फाड़कर निकलता है।

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 बेईमानी का पैसा शरीर के एक एक अंग फाड़कर निकलता है। एक सच्ची कहानी रमेश चंद्र शर्मा जो पंजाब के 'खन्ना' नामक शहर में एक मेडिकल स्टोर चलाते थे,उन्होंने अपने जीवन का एक पृष्ठ खोल कर सुनाया जो पाठकों की आँखें भी खोल सकता है और शायद उस पाप से,जिस में वह भागीदार बना, उससे भी बचा सकता है। रमेश चंद्र शर्मा का मेडिकल स्टोर जो कि अपने स्थान के कारण काफी पुराना और अच्छी स्थिति में था। लेकिन जैसे कि कहा जाता है कि धन एक व्यक्ति के दिमाग को भ्रष्ट कर देता है और यही बात रमेश चंद्र जी के साथ भी घटित हुई। रमेश जी बताते हैं कि मेरा मेडिकल स्टोर बहुत अच्छी तरह से चलता था और मेरी आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी थी। अपनी कमाई से मैंने जमीन और कुछ प्लॉट खरीदे और अपने मेडिकल स्टोर के साथ एक क्लीनिकल लेबोरेटरी भी खोल ली। लेकिन मैं यहां झूठ नहीं बोलूंगा। मैं एक बहुत ही लालची किस्म  का आदमी था क्योंकि मेडिकल फील्ड में दोगुनी नहीं बल्कि कई गुना कमाई होती है। शायद ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे कि मेडिकल प्रोफेशन में 10 रुपये में आने वाली दवा आराम से 70-80 रुपये में बिक जाती है। लेकिन अगर कोई मु