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After death five things of man go with man - मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं।

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  मृत्यु के पश्चात मनुष्य के साथ मनुष्य की पाँच वस्तुएँ साथ जाती हैं। 1. कामना-यदि मृत्य के समय हमारे मन मे किसी वस्तु विशेष के प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है,कोई इक्षा अधूरी रह जाती है,कोई अपूर्ण कामना रह जाती है तो मरणोपरांत भी वही कामना उस जीवात्मा के साथ जाती है।  2. वासना- वासना कामना की ही साथी है। वासना का अर्थ केवल शारिरिक भोग से नही अपितु इस संसार मे भोगे हुए हर उस सुख से है जो उस जीवात्मा को आनन्दित करता है। फिर वो घर हो ,पैसा हो ,गाड़ी हो, रूतबा हो,या शौर्य। मृत्यु के बाद भी ये अधूरी वासनाएं मनुष्य के साथ ही जाती हैं और मोक्ष प्राप्ति में बाधक होती है।  3.कर्म- मृत्यु के बाद हमारे द्वारा किये गए कर्म चाहे वो सुकर्म हो अथवा कुकर्म हमारे साथ ही जाता है। मरणोपरांत जीवात्मा अपने  द्वारा कि ये गए कर्मो की पूँजी भी साथ ले जाता है। जिस के हिसाब किताब द्वारा उस जीवात्मा का यानी हमारा अगला जन्म निर्धारित किया जाता है।  4. कर्ज़- यदि मनुष्य ने आपने जीवन मे कभी भी किसी प्रकार का ऋण लिया हो तो उस ऋण को यथासम्भव उतार देना चाहिए ताकि मरणोपरांत इस लोक से उस ऋण को उसलोक में अपने साथ न ले जान

रामायण” क्या है What is "Ramayana

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 “रामायण” क्या है??  अगर कभी पढ़ो और समझो तो आंसुओ पे काबू रखना....... रामायण का एक छोटा सा वृतांत है, उसी से शायद कुछ समझा सकूँ.. एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी।  नींद खुल गई, पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा श्रुतकीर्ति जी (सबसे छोटी बहु, शत्रुघ्न जी की पत्नी)हैं । माता कौशल्या जी ने उन्हें नीचे बुलाया | श्रुतकीर्ति जी आईं, चरणों में प्रणाम कर खड़ी रह गईं माता कौशिल्या जी ने पूछा, श्रुति ! इतनी रात को अकेली छत पर क्या कर रही हो बेटी ? क्या नींद नहीं आ रही ? शत्रुघ्न कहाँ है ? श्रुतिकीर्ति की आँखें भर आईं, माँ की छाती से चिपटी,  गोद में सिमट गईं, बोलीं, माँ उन्हें तो देखे हुए तेरह वर्ष हो गए । उफ !  कौशल्या जी का ह्रदय काँप कर झटपटा गया । तुरंत आवाज लगाई, सेवक दौड़े आए ।  आधी रात ही पालकी तैयार हुई, आज शत्रुघ्न जी की खोज होगी,  माँ चली । आपको मालूम है शत्रुघ्न जी कहाँ मिले ? अयोध्या जी के जिस दरवाजे के बाहर भरत जी नंदिग्राम में तपस्वी होकर रहते हैं, उसी दरवाजे के भीतर एक पत्थर की शिला हैं, उसी शिला पर, अपनी बाँह का तकिया बनाकर लेट

Essay on valor of indian army

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                                                 Essay on valor of indian army   The Indian Army is one of the most prestigious and highly regarded armed forces in the world. It is known for its valor, courage, and dedication towards serving the nation. The Indian Army has a rich history of bravery, sacrifice, and selflessness. Over the years, the Indian Army has been involved in numerous operations, both within the country and abroad, where it has demonstrated its valor and commitment to the country's cause. The Indian Army is a highly trained and professional force that is well equipped to handle any situation that may arise. The army has a well-established system of training that ensures that every soldier is prepared to face any challenge that comes their way. The Indian Army is also equipped with some of the most advanced weaponry and equipment in the world, which enables it to respond quickly and efficiently to any situation. One of the most notable aspects of the Indian Army

भगवान् बड़े ही दयालु हैं

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 भगवान् बड़े ही दयालु हैं          एक राजा का एक विशाल फलों का बगीचा था। उसमें तरह-तरह के फल लगते थे।उस बगीचे की सारी देख-रेख एक किसान‌‌ अपने परिवार के साथ करता था। और वो किसान हर दिन बगीचे के ताजे फल लेकर राजा‌ के राजमहल में जाता था। एक दिन किसान ने पेड़ों पर देखा, कि नारियल, अनार, अमरूद और अंगूर आदि पक कर‌‌ तैयार हो रहे हैं। फिर वो किसान सोचने लगा- कि आज कौन सा फल‌ राजा को अर्पित करूं?       उसे लगा कि आज राजा को अंगूर अर्पित करने चाहिए,क्योंकि वो बिल्कुल पक कर तैयार हैं।फिर उसने अंगूरों की टोकरी भर ली और राजा को देने चल पड़ा। किसान जब राजमहल में पहुंचा, तो राजा किसी दूसरे ख्याल में खोया हुआ था और थोड़ी सा नाराज भी लग रहा था। किसान ने रोज की तरह मीठे रसीले अंगूरों की टोकरी राजा के सामने रख दी, और थोड़ी दूरी पर बैठ गया।         अब राजा उसी ख्यालों में टोकरी में से अंगूर उठाता,एक खाता और एक खींचकर किसान के माथे पर निशाना साधकर फेंक देता। राजा का अंगूर जब भी किसान के माथे या शरीर पर लगता था, तो किसान कहता- भगवान बड़े ही दयालु हैं। राजा फिर और जोर से अंगूर फेंकता था,और किसान फिर वही कहता- भग

The world runs away from crooked people, टेढ़े लोगों से दुनिया दूर भागती हैं

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   संसार में बहुधा यह बात कही और सुनी जाती है कि व्यक्ति को ज्यादा सीधा और सरल नहीं होना चाहिए। सीधे और सरल व्यक्ति का हर कोई फायदा उठाता है।           टेढ़े लोगों से दुनिया दूर भागती हैं वहीँ सीधों को परेशान किया जाता है। तो क्या फिर सहजता और सरलता का त्याग कर टेढ़ा हुआ जाए ? पर यह बात जरूर समझ लेना दुनिया में जितना भी सृजन हुआ है वह टेढ़े लोगों से नहीं सीधों से ही हुआ है।           कोई सीधा पेड़ कटता है तो लकड़ी भी भवन निर्माण में या भवन श्रृंगार में उसी की ही काम आती है। मंदिर में भी जिस शिला में से प्रभु का रूप प्रगट होता है वह टेढ़ी नहीं कोई सीधी शिला ही होती है। !!!...क्रोध में व्यक्ति अपने हितेच्छुओ को आघात पहुँचाता है .. It is often said and heard in the world that a person should not be too straightforward and simple. Everyone takes advantage of a straight and simple person.            The world runs away from crooked people whereas the straight ones are harassed. So what then should be done by sacrificing spontaneity and simplicity and become crooked? But do understand this thing t

Things to Learn - सिखने योग्य बाते

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☀️ जोड़ने के लिए नर्म बनो और जोड़े रखने के लिए सख्त ये सीख हमें अपने जीवन में सीमेंट से सीखनी चाहिए। परिवार में यही भूमिका परिवार के मुखिया की और समाज में यही भूमिका समाज के मुखिया की भी होनी चाहिए।  ☀️परिवार जोड़ने के लिए नर्म और जोड़े रखने के लिए सख्त होना होना आपकी चातुर्यता है।परिवार का मुखिया नर्म न हो तो परिवार का जुड़ना मुश्किल है और परिवार का मुखिया सख्त न हो तो परिवार का जुड़े रहना भी मुश्किल ही है।  सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति।  सहज कृपन सन सुंदर नीति॥ ☀️जीवन में कभी-कभी जहाँ विनय काम नहीं आता वहाँ कठोरता काम कर जाती है। आपकी विनम्रता से किसी का अहित हो रहा हो तो भला वह विनम्रता भी किस काम की है..? विनम्रता भी वही भली है जिसमें किसी का अहित न हो और कठोरता से यदि किसी का हित सध रहा हो तो वहाँ पर कठोरता ही श्रेष्ठ है। ☀️सदा विनम्र रहो मगर जहाँ पर आपकी विनम्रता किसी श्रेष्ठ कार्य के साथ-साथ आपके व सामने वाले के हित में बाधक बन रही हो वहाँ पर थोड़ा कठोरता दिखाकर उस श्रेष्ठ कार्य की परिपूर्णता ही श्रेयस्कर हो जाती है। English  Must be involved in life. The members of the family wer

Meaning of Happiness - खुशी का अर्थ

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   Meaning of "happiness" in life   Wars are not to be fought but to be avoided!     efficiently in adverse conditions           going back is also a victory                             Because       The power of "pride" is also given to the angels.                     the devil makes                          and "humility" Makes even an ordinary person an angel! "Life" If I ever face a bad day be so courageous Because "Day" can be bad "Life" can't.   जीवन में "खुशी" का अर्थ   लड़ाइयाँ लड़ना नहीं बल्कि उनसे बचना है !     प्रतिकूल परिस्थितियों में कुशलतापूर्वक           पीछे हट जाना भी एक जीत है                             क्योंकि       "अभिमान" की ताकत फरिश्तों को भी                     शैतान बना देती है                          और "नम्रता" साधारण व्यक्ति को भी फरिश्ता बना देती है ! "जिंदगी"मैं कभी भी किसी बुरे दिन से सामना हो जाए तो इतनी हिम्मत जरूर रखें क्योंकि "दिन" बुरा ह