Thinking Good Then All Good - सोच अच्छी तो सब अच्छा
Thinking Good Then All Good - सोच अच्छी तो सब अच्छा एक समय एक पत्थर तोड़ने वाला था जो अपने हालात से नाखुश था एक बार और किसी अमीर व्यापारी के घर के सामने से जा रहा था घर का दरवाजा थोड़ा खुला था उसने वहां कई लोगों को देखा उसने सोचा 'काश, वह भी व्यापारी होता , जब यह बातें सोच रहा था तो भगवान वहां पर खड़े थे और उसने उसकी बातों को सच कर दिया यह सोचती ही वह व्यापारी बन गया वह अब बहुत अमीर हो गया पर अब उसे नीचे के लोग उसे नापसंद करने लगे थे एक बार बड़ा अधिकारी वहां से जा रहा था एक बड़ी सी कुर्सी पर बैठे हुए उसकी सवारी निकली थी कई सैनिक साथ होते थे हर कोई उसे सामने सिर झुका रहा था अब आदमी ने सोचा काश वह भी अधिकारी होता, भगवान ने उसकी यह बात भी सुन ले और उसे सोचते ही अब वह अधिकारी बन गया था जहां जाता है उसके सामने सब सिर झुकाते थे उसे डरने और नापसंद करने वालों की संख्या बढ़ गई एक बार तेज गर्मी थी उसे कुर्सी पर बैठे बैठे दिक्कत हो रही थी उसने ऊपर देखा सूरज शान से चमक रहा था अब वह आदमी ने सोचा काश वह सूरज होता, यह बात भगवान ने उसकी सोच के अनुसार कर दिया अब व