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Some circumstances of life should be in front ,जीवन की कुछ परिस्थितियां समक्ष में होना चाहिए

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1- बुरे दिन बुरे लोग सबकी जिंदगी में होते हैं हम अपने बीते कल को नहीं बदल सकते, पर अपने आज को जरूर बेहतर बना सकते हैं। जिंदगी बोझिल बन जाती है अगर हम पिछले बुरे अनुभव को ही याद करते रहते हैं । कड़वी यादें वाला कल एक सबक था । हमें अपने आज को बेहतर बनाने में लगाना चाहिए। बुरे दिन के बारे में सोच कर अच्छे दिन को  बर्बाद नही करना चाहिए। 2-अपनी हार की झुनझुनाहट निकालने का सबसे आसान तरीका खुद को खुश ना या फिर पीड़ित साबित करना है फिर खुद को पूछते रहना खुद को नुकसान पहुंचाने जैसा है बस गलती करते हैं इससे पता चलता है कि हम खाली नहीं बैठ रहे हैं हार जीत नहीं हमारी खुशी समय बेहतर बनाती है बदलाव खुद को प्यार करने से आता है खुद को कोसने से नहीं 3- कोई भी बड़ी चीज समय की मांग करती है हमें लगातार लंबे समय तक कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहना पड़ता है हर काम और प्रक्रिया को बेहतर ढंग से पूरा करना होता है समझ ज्ञान और कौशल एक दिन में हासिल नहीं होता ।अगर कोई काम धीमी गति से हो रहा है ‌या फिर तो पाऊं या कठिन है तो उसे छोड़ नहीं शांति और धैर्य से करते रहें ।कहावत है काम धीरे हो रहा है पर उसे बीच में ही छोड़न

Thinking Good Then All Good - सोच अच्छी तो सब अच्छा

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                              Thinking Good Then All Good - सोच अच्छी तो सब अच्छा   एक समय एक पत्थर तोड़ने वाला था जो अपने हालात  से नाखुश था एक बार और किसी अमीर व्यापारी के घर के सामने से जा रहा था घर का दरवाजा थोड़ा खुला था उसने वहां कई लोगों को देखा उसने सोचा 'काश, वह भी व्यापारी होता , जब यह बातें सोच रहा था तो भगवान वहां पर खड़े थे और उसने उसकी बातों को सच कर दिया यह सोचती ही वह व्यापारी बन गया वह अब बहुत अमीर हो गया पर अब उसे नीचे के लोग उसे नापसंद करने लगे थे एक बार बड़ा अधिकारी वहां से जा रहा था एक बड़ी सी कुर्सी पर बैठे हुए उसकी सवारी निकली थी कई सैनिक साथ होते थे हर कोई उसे सामने सिर झुका रहा था अब आदमी ने सोचा काश वह भी अधिकारी होता, भगवान ने उसकी यह बात भी सुन ले और उसे सोचते ही अब वह अधिकारी बन गया था जहां जाता है उसके सामने सब  सिर झुकाते थे उसे डरने और नापसंद करने वालों की संख्या बढ़ गई एक बार तेज गर्मी थी उसे कुर्सी पर बैठे बैठे दिक्कत हो रही थी उसने ऊपर देखा सूरज  शान से चमक रहा था अब वह आदमी ने सोचा काश वह सूरज होता, यह बात भगवान ने उसकी सोच के अनुसार कर दिया अब व

Relationship is a soft thread of the mind, it should not be stopped by conditions,रिश्ते मन का कोमल धागा होता है इसे शर्तो से ना रोका जाए

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अक्सर ऐसा होता है कि किसी रिश्ते को ज्यादा बेहतर बनाने के प्रयास में हम उसे उसके साथ जाने अनजाने में ही कुछ नियम और शर्तों को लगाने लगते हैं हम यह सोच ही नहीं पाते कि सामने वाला पक्ष भी इन नियम और शर्तों से विक्षुब्ध  हो जाता है  ENGLISH  It often happens that in an attempt to make a relationship better, we unknowingly impose some terms and conditions with it, we do not even think that the other party also agrees to these terms and conditions. gets upset

whose life - जिंदगी किसकी

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                                                                 Whose Life - जिंदगी किसकी एक बहुत पुरानी कहानी है एक घर में एक वाद्य यंत्र रखा था उस घर में उसे कोई बजाना नहीं जानता था जान पहचान के रिश्तेदार गांव के लोगों में से हर कोई उसे बजाना भूल गया था वह वाद्य यंत्र ऐसे ही एक कोने में पड़ा था कई पीढ़ियां गुजर चुकी थी और लोग उसे बजाना भूल चुके थे अब पड़े पड़े उस पर केवल धूल जमा हो रही थी वाद्य यंत्र काफी बड़ा था और बहुत जगह कह रहा था 1 दिन परिवार की सभी लोग फैसला किया कि यह बेकार ही पड़ा हुआ है इसे रखने का कोई तुक नहीं है उसे उन्होंने उठाया और घर से बाहर फेंक दिया थोड़ी देर बाद एक भिखारी वहां आया और उसे बजाने लगा समय मानव रुक गया हो जो भी वहां से गुजर रहा था वह उसे सुनने के लिए रुक गया वहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई लोग उसे सुनने के लिए अपने घरों से बाहर निकलने लगे भिखारी बहुत डूब कर उसे बजा रहा था और सब मंत्रमुग्ध हुए उसका वादन सुन रहे थे अब जब भिखारी ने संगीत बजाना बंद कर दिया तो परिवार अपने वाद्य यंत्र को वापस मांगने लगा भिखारी ने कहा यह तुम्हारा नहीं है संगीत का कोई भी यंत्र उस

Right Aim - सही निशाना

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एक लड़का तीरंदाजी में काफी अच्छा था कई प्रतियोगिताएं भी जीत चुका था ! उसने जोश में एक मास्टर को चुनौती दी ! लड़के ने अपनी तकनीकी कौशल का हुनर पेश किया पहले उसने दूर खड़े बैल की आंख पर तीर चलाया और फिर दूसरे निशाने में उस तीर के दो टुकड़े कर दिए ! अपने सफल प्रदर्शन के बाद वह जेन मास्टर से बोला अब आप इसका क्या जवाब दे सकते हो तो कोशिश करके देखिए ! मास्टर विचलित नहीं हुए हल्की सी मुस्कान के साथ उन्होंने युवक तीरंदाज को अपने साथ चलने को कहा ! वह उसे लेकर पहाड़ों की ओर बढ़ने लगे !  चलते चलते वह एक पहाड़ी के किनारे तक पहुंच गए उस जगह पर लकड़ी का एक मोटा फट्टा बाहर निकला हुआ था ! वह कभी दूसरी पहाड़ी की तरफ का पुल रहा होगा , पर अब बीच में से टूट गया था ! फट्टा हिल ही रहा था ! जेन मास्टर उस हिलते  हुए पट्टे पर चलते हुए बीच तक आ गए ! वहा उन्होंने तीर निकाला और उन्होंने दूर खड़े पेड़ की ओर निशाना लगा दिया ! पेड़ फटाक से पहले ही बार में गिर गया ! अब मास्टर के वापस आकर लड़के को कहा अब तुम तीर चलाओ ! लड़के ने फट्टे के  नीचे देखा वह डर गया ! वह निशाना लगाने के लिए कदम बढ़ाने के लिए खुद को तैयार न कर

Be responsible for yourself- स्वयं जिम्मेदार बने

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यदि हम सब सिर्फ अपने अपने प्रति जिम्मेदार बन जाए और दूसरों के सुधार के अवसर तलाशने बंद कर दें तो आधे से ज्यादा मनमुटाव तो अपने आप ही खत्म हो जाएगा जब हम अपनी भावनाओं को लेकर आश्वस्त नहीं होते तो हमारे अंदर झिझक ज्ञान और और संतुष्टि जैसा भाव घर करने लगता है ऐसे में प्रेम दया और मैत्री जैसे भाव दिखने में न केवल हम असहज महसूस करते हैं बल्कि सामने वाला अगर आपकी भावनाएं हमारे लिए व्यक्त करें तो भी हम उसे स्वीकार नहीं कर पाते और इससे बचने का रास्ता अकेलेपन में ढूंढने लगते हैं ऐसा करने के बजाय अब पूरी जिम्मेदारी और विश्वास के साथ हम अपने सभी भाव को खुलकर स्वीकार ना और दूसरों के प्रति जाहिर करना सीख जाए तो तनाव चिंता दुख और भय जैसे भाव दुख हुआ खुद खत्म होने लगेंगे ENGLISH If we all become responsible only towards ourselves and stop looking for opportunities for improvement of others, then more than half of the conflict will end on its own. Feeling starts to take home, in such a situation, not only do we feel uncomfortable in seeing expressions like love, kindness and friendship, but even if th

Use of good words works as medicine- अच्छे शब्दों का उपयोग दवाई का काम करती है

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किसी से लड़ाई झगड़ा या बहस होने पर हमारी भाषा विचार बोल चाल और हाव-भाव का तरीका सब कुछ काफी बदल जाता जाता है उस वक्त हम सिर्फ और सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और हर किसी कीमत पर स्वयं को ही सही साबित करने की कोशिश में लगे रहते हैं ऐसे में जाने अनजाने में बहुत से ऐसे शब्द भी मुंह से निकल जाते हैं जो सामने वाले को तीर की तरह छलनी कर देता है सब यहीं से रिश्ते और खराब हुई होने शुरू हो जाते हैं किसी इसकी बजाय अगर स्वयं को सामने वाले के स्थान पर रख के सोचा जाए तो तब आपको एहसास होगा कि आप जिस कठोर भाषा का इस्तेमाल सामने वाले के लिए कर रहे हैं वह आप उसके मुंह से आपके लिए सुने ही नहीं पाएंगे जो सब आप अपने लिए बर्दाश्त नहीं कर सकते भला उन्हें दूसरों को क्यों बोला जाए इसकी इसकी बजाय अगर बहस के मूल कारण के बारे में जानने की कोशिश की जाए तो बहुत से अनचाहे शब्दों को बोलने में बचा जा सकता है ENGLISH When there is a fight or argument with someone, our language, the way of thinking, speaking, and gesture, everything changes a lot, at that time we think only and only about ourselves and try to prove our