Be responsible for yourself- स्वयं जिम्मेदार बने
यदि हम सब सिर्फ अपने अपने प्रति जिम्मेदार बन जाए और दूसरों के सुधार के अवसर तलाशने बंद कर दें तो आधे से ज्यादा मनमुटाव तो अपने आप ही खत्म हो जाएगा जब हम अपनी भावनाओं को लेकर आश्वस्त नहीं होते तो हमारे अंदर झिझक ज्ञान और और संतुष्टि जैसा भाव घर करने लगता है ऐसे में प्रेम दया और मैत्री जैसे भाव दिखने में न केवल हम असहज महसूस करते हैं बल्कि सामने वाला अगर आपकी भावनाएं हमारे लिए व्यक्त करें तो भी हम उसे स्वीकार नहीं कर पाते और इससे बचने का रास्ता अकेलेपन में ढूंढने लगते हैं ऐसा करने के बजाय अब पूरी जिम्मेदारी और विश्वास के साथ हम अपने सभी भाव को खुलकर स्वीकार ना और दूसरों के प्रति जाहिर करना सीख जाए तो तनाव चिंता दुख और भय जैसे भाव दुख हुआ खुद खत्म होने लगेंगे ENGLISH If we all become responsible only towards ourselves and stop looking for opportunities for improvement of others, then more than half of the conflict will end on its own. Feeling starts to take home, in such a situation, not only do we feel uncomfortable in seeing expressions like love, kindness and friendship, but even if th...